आजकल जिसे देखो वही मोबाइल पर मेसेजिंग और चैटिंग में व्यस्त दिखाई देता है। आइफोन के आगमन के बाद लोगों में यह लत तेजी से बढ़ती जा रही है। मोबाइल के बढ़ते शौक से ना सिर्फ लोग अपने परिवार और रिश्तेदारों से कट रहे हैं बल्कि अनजाने में अपनी हेल्थ के साथ भी बहत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। जरूरत से ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने से ना सिर्फ मस्तिष्क संबंधी रोग होते हैं बल्कि चेहरे पर झुर्रियां आना, चेहरे का ग्लो गायब होना, सिर दर्द, स्मरण शक्ति का कमजोर होना और शरीर में दर्द होना बहुत आम समस्याएं हैं। एक नई रिसर्च में सामने आया है कि ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने से रीढ़ की हड्डी कमजोर होती है।
न्यूयॉर्क के स्पाइन सर्जरी एंड रिहैबिलिटेशन हॉस्पिटल के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि मेसेज पढऩे के लिए सिर आगे की ओर झुकाने से गर्दन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे पीठ का दर्द भी बढ़ जाता है। हम जितना अधिक गर्दन झुकाते हैं, उस पर उतना ज्य़ादा भार पड़ता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर पडऩे वाला यह दबाव 4 से 27 किलोग्राम तक होता है। सात साल के बच्चे का वज़न करीब 27 किलोग्राम होता है। यानी जब हम मोबाइल फोन पर कोई मेसज देखने के लिए 60 डिग्री एंगल पर गर्दन झुकाते हैं तो गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर इतना दबाव पड़ता है कि जैसे कि हमारी गर्दन पर सात साल का बच्चा बैठा हो।
आजकल लोग अपना ज्य़ादातर वक्त मोबाइल या टैबलेट के साथ बिताते हैं। ऐसे में मोबाइल से होने वाले नुकसान का सहज ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इसलिए मोबाइल के अनावश्यक इस्तेमाल से बचें। मेसेज चेक करने के लिए गर्दन झुकाने के बजाय फोन को सामने रख कर देखें। वैसे, रोज़मर्रा के कामकाज के दौरान भी बहुत ज्य़ादा गर्दन न झुकाएं और हमेशा पीठ सीधी रखने की कोशिश करें।
मोबाइल के नुकसान
कई मुल्कों में मोबाइल सेटों का प्रयोग करने के बाद मोबाइल को फेंक दिया जाता है। लेकिन इससे उनमें मौजूद जहरीले रसायनों का खात्मा नहीं होता। हर साल पूरी दुनिया में करोड़ों सेलफोन प्रयोग करने के बाद फेंक दिये जाते हैं। जिसके कारण ये खतरनाक रसायन और धातु मिट्टी और पानी में मिलते हैं और इससे पानी और मिट्टी में जहर फैलता है और कई खतराक बीमारियों को बढ़ा सकता है। इन मोबाइलों में लीड, ब्रोमीन, क्लोरीन, मर्करी और कैडमियम पाया जाता है, जो कि स्वास्?थ्?य के लिए हानिकारक होता है। मोबाइल में मोबाइल में पॉलीक्लोरीनेटेड बाईफिनायल्स रसायन निकलता है, जिसके कारण शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता घटती है। मोबाइल का प्रयोग करने से लीवर व थाइराइड से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
जोड़ों के दर्द का काल हैं ये 5 नुस्खे, देते हैं तुरंत आराम
सर्दियों का मौसम आते ही जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ जाती है। हड्डियों या जोड़ों में किसी भी प्रकार के विकार के कारण हड्डियों में दर्द और सूजन की दिक्कत उत्पन्न हो जाती है। जोड़ों में दर्द के बहुत से अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे जोड़ों पर यूरिक एसिड का इक_ा होना। कभी कभी दर्द अनुवांशिक कारणों से भी जोड़ों में दर्द होता है तो कभी ये दर्द कमजोरी के चलते भी होते हैं। दर्द के चलते लोगों की काम करने की क्षमता पर भी काफी असर पड़ता है। यह दर्द उन जोड़ों में अधिक होता है जिन जोड़ों पर व्यक्ति ज्यादा निर्भर रहता है। जोड़ों में दर्द एवं सूजन के साथ साथ इस रोग में भिन्न भिन्न जोड़ों की रचना में अंतर आ जाता है तथा जोड़ों के कार्य में विकार आ जाता है। घुटने और कूल्हे प्रभावित होने पर रोगी चलने में असमर्थ हो जाता है जिसके कारण उसका वजन शुगर कोलेस्ट्रोल एवं रक्तचाप भी बढ़ सकता है और अन्य बीमारियॉ भी हावी होने लगती हैं।